The corona virus can also spread through the air. Now the government has also fully accepted this. According to the Office of the Principal Scientific Advisor to the government, aerosols and droplets are the major causes of the outbreak of the corona virus. Droplets from a corona-infected person can travel up to two meters in the air, while aerosols can propel those droplets up to 10 meters and pose a risk of infection. Even an infected person with no symptoms can leave enough droplets to create a 'viral load' that can infect many others. This means that now even a distance of 10 meters is not enough to escape from the corona.
कोरोना वायरस हवा से भी फैल सकता है। अब सरकार ने भी पूरी तरह से यह मान लिया है। सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार कार्यालय के मुताबिक, एयरोसोल और ड्रॉपलेट्स कोरोना वायरस के फैलने के प्रमुख कारण हैं। कोरोना से संक्रमित व्यक्ति के ड्रॉपलेट्स हवा में दो मीटर तक जा सकते हैं, जबकि एयरोसोल उन ड्रॉपलेट्स को 10 मीटर तक आगे बढ़ा सकता है और संक्रमण का खतरा पैदा कर सकता है। यहां तक कि एक संक्रमित व्यक्ति जिसमें कोई लक्षण नहीं दिख रहे हैं, वह 'वायरल लोड' बनाने लायक पर्याप्त ड्रॉपलेट्स छोड़ सकता है जो कई अन्य लोगों को संक्रमित कर सकता है। इसका मतलब साफ है कि अब कोरोना से बचने के लिए 10 मीटर की दूरी भी काफी नहीं है।
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